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असफल फ़िल्मो से जूझ रहे हिन्दी सिने जगत की सारी उम्मीदें फराह ख़ान की तीस मार ख़ान पर टिकी है| ओम शांति ओम और मैं हूँ ना की सफलता को भुनाने के लिए, फराह ख़ान उसी तर्ज़ पर लाई है तीस मार ख़ान| फराह ख़ान का एक ही मकसद होता है – दर्शकों को मसाला फिल्में देना जिनको देखते वक़्त वेकोई सवाल जवाब ना करें, अपना दिमाग़ ना लगाए| इस फिल्म को देखने के लिए भी आपको दिमाग़ पूरी तरह से घर छोड़ कर आना होगा क्योंकि तीस मार ख़ान फराह ख़ान की पिछली दोनो फिल्मों से भी एक कदम आगे है|
हालाँकि इस बार फराह ज़रूरत से ज़्यादा कोशिश करती नज़र आई और उनकी सोच कि दर्शकों के लिए कुछ भी बनाएँगे तो उन्हे पसंद आ जाएगा, ग़लत साबित हो सकती है|तीस मार ख़ान 1966 की फिल्म ‘आफ्टर दा फ़ॉक्स’ से प्रेरित है पर फराह ख़ान ने इस पर पूरी तरह बॉलीवुड तड़का लगा दिया है|
तीस मार ख़ान की कहानी है एक कुख्यात सरगना तीस मार ख़ान(अक्षय कुमार) की जिसका सिर्फ़ एक पेशा है: लोगो को धोखा देकर चोरी करना| तीस मार ख़ान के साथ है उसके साथी डॉलर, सोडा, बुर्गर और उसकी प्रेमिका अन्या(कटरीना कैफ़) | तीस मार ख़ान ने अपनी शातिर दिमाग़ से पूरे विश्व की पुलिस को परेशान कर रखा है| पर उसकी असली हिम्मत की परीक्षा तब आती है जब उसे एक चलती रेलगाड़ी से कुछ प्राचीन वस्तुएँ चुरानी है जिनकी कीमत 500 करोड़ रुपये है| क्या तीस मार ख़ान अपने इस मकसद में सफल हो पाएगा??
फिल्म की कहानी ना के बराबर है और पूरी फिल्म कलाकारों के अभिनय पर टिकी है| फराह ख़ान के दिशा कौशल का जादू इस बार नही चला और फिल्म निर्देशन और पटकथा के मामले मे बेहद ढीली रही| जहाँ अंतराल से पहले काफ़ी हास्यपूर्ण दृश्य और 3 अच्छे गाने है वही अंतराल के बाद फिल्म सुस्त पड़ जाती है और बहुत कोशिशों के बाद भी दर्शकों को हसाने मे असफल रहती है| ना तो ‘अनाम भूत’ का किस्सा फिल्म मे जचता है ना ही अंत में अदालत मे किया गया ड्रामा कुछ असर छोड़ता है|
अश्मित और शिरीष के संवाद बेहद कमजोर है और उम्मीद पर खरे नही उतरते| उनके संवाद दर्शकों को ज़बरदस्ती हसाने की कोशिश करते है|
अभिनय की बात करें तो फिल्म अक्षय कुमार के इर्द गिर्द ही घूमती है| उनका अभिनय सराहनीय है पर कुछ एक जगह पर वे ज़रूरत से ज़्यादा कोशिश करते दिखे| कटरीना कैफ़ बेहद सुंदर लगी है और फिल्म में अपने अभिनय से ज़्यादा अपने रूप के लिए जानी जाएगी| उनका गाना ‘शीला की जवानी’ दर्शकों के दिलो में पहले से ही घर कर चुका है| अक्षय खन्ना ने अपने किरदार के साथ न्याय किया है|
फिल्म का संगीत दर्शकों को पसंद आया है| गाने ‘तीस मार ख़ान’, ‘शीला की जवानी’ और ‘वल्ला रे वल्ला’ अभी से ही दर्शकों की ज़ुबान पर है| शिरीष कुंडर का पृष्ठभूमि संगीत अच्छा है और फिल्म पर जचता है|
संपूर्ण मे कहे तो फिल्म दर्शकों की राय को 2 भागों में बाँट देगी| 300 करोड़ के घाटे से झूझ रही फिल्म जगत को इस फिल्म से बहुत उम्मीदें है पर ये बात निश्चित है की ‘तीस मार ख़ान’ फराह ख़ान की पिछली सफल फिल्मों की बराबरी नही कर पाएगी|
अंक :***
निर्देशक: | फराह खान |
निर्माता: | ट्विंकल खाना,रोंनी स्क्र्युवाला |
संवाद: | अस्मित-शिरीष |
कलाकार: | अक्षय कुमार, कटरीना कैफ,अक्षय खन्ना |
संगीत: | विशाल-शेखर |
फिल्म रिलीज़: | 24 दिसम्बर,2010 |
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